प्रेस विज्ञप्ति  
सभी बच्चों का पढ़ना सीख पाना – चुनौती से संभावना की ओर” पुस्तिका का विमोचन

शिक्षा अधिकार कानून लागू होने के बाद सभी बच्चों का सीखना-बढ़ना कानूनी दायित्व बन गया है। परन्तु अधिकांश परिषदीय स्कूलों में तथा अन्य काफी स्कूलों में बच्चे कई साल के स्कूली शिक्षा के बाद भी पढ़ने की कुशलता का समुचित विकास नही कर पाते हैं। बच्चों में पढ़ने की दक्षता बढ़ा पाने की गंभीर चुनौती के संदर्भ में लोकमित्र द्वारा शिक्षकों व प्रशिक्षकों के लिए सभी बच्चों का पढ़ना सीख पाना – चुनौती से संभावना की ओरपुस्तिका विकसित की गई है। इस पुस्तिका का विमोचन 07 अगस्त को लखनऊ (होटल गोमती) में एस.सी.ई.आर.टी. के निदेशक श्री सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के द्वारा किया गया। इस दौरान अपने सम्बोधन में आपने कहा कि यह पुस्तक काफी उपयोगी हो सकती है। परन्तु आज के दौर में किताबें पढ़ने का चलन कम हो गया है।

कार्यक्रम में यह सामूहिक विचार उभरा कि शिक्षकों को स्कूल और संकुल स्तर पर समूह में पढ़ने तथा आपस में विचार विमर्श करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इन अवसरों पर ऐसी किताबें काफी उपयोगी हो सकती हैं। इगनस के संदीप नायक ने कहा कि यह किताब भाषा शिक्षण के महत्वपूर्ण विचारों को बेहतर तरीके से संकलित करता है। अतः यह शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी रहेगी।

इस पुस्तिका में यह कोशिश की गयी है कि शिक्षक भाषा शिक्षण की चुनौतियों के कारणों को समझ सकें और बच्चों को पढ़ना सीखने के बेहतर अवसर दे सकें। जमीनी हकीकत से उपजे संवाद को शिक्षाविदों के सिद्धांतों से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस क्रम में उपलब्ध संबंधित साहित्यों का उपयोग किया गया है। विश्लेषणात्मक तरीके से अनुभवों व विचारों को रखा गया है, जिससे की पढ़ते हुए अपने ज्ञान को सुव्यवस्थित करने, नया ज्ञान बनाने में मदद मिले।

कार्यक्रम में यूनिसेफ की शिक्षा अधिकारी सुश्री दीपा दास, महिला सामाख्या की पूर्व निदेशक सुश्री निशी मेहरोत्रा और एस.सी.ई.आर.टी. के सहायक शिक्षा निदेशक श्रीमती स्नेह प्रभा ने भी संबोधित किया। लोकमित्र के मुख्य कार्यकारी श्री राजेश कुमार ने कहा कि इस पुस्तक को लोकमित्र के वेब साइट https://lokmitra.org.in/publication/ पर भी अपलोड कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *