महिला एकजुटता एवं जागरुकता कार्यक्रम – ब्लाक डीह एवं छतोह

महिला हिंसा विरोध पखवारा के दौरान 9 एवं 10 दिसम्बर 2013 को सामुदायिक मिलन केन्द्र कमालपुर बड़ैला डीह में महिला एकजुटता एवं जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दोनों ब्लाक की कुल 255 महिलाए एवं 100 किशोरियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महिलाओं को महिला हिंसा विरोध कानून, रोजगार गारंटी कानून, शिक्षा अधिकार कानून एवं सूचना के अधिकार पर चर्चा, नाटक, गीत एवं प्रष्नोत्तरी आदि गतिविधियों के माध्यम से सजग किया गया। अधिकार हनन की स्थिति में उपचारात्मक कदम हेतु प्रयास के तरीके पर उनसे चर्चा किया गया।

कार्यक्रम के शुरुआत में महिलाओं ने समूहों में रंगोली बनाई । रंगोली में अपना नाम लिखा व मनपसंद आकृति बनाई। इनमें से अधिकांष महिलाओं ने हाल ही में अपनी बेटियों से नाम लिखना सीखा था। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने उर्दू में अपना लिखा। कुछ ने अन्य से मदद लेकर नाम लिखा।

इसके बाद कार्यक्रम से जुड़ी कुछ बालिकाओं ने अपना परिचय दिया व कार्यक्रम के बारें में बताया। महिला-पुरुष गैर बराबरी संबंधी एवं अन्य प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। माताओं के लिए अपनी बेटियों की इस काबिलियत को देखना बड़ा ही हर्ष और फर्क का पल था। अपने स्थान पर बैठी मां अपने आस-पास की महिला को बताती देखो यह मेरी बेटी है।

इसे पष्चात नरेगा जिला उपायुक्त, कार्यक्रम समन्वयक एवं विकास खंड अधिकारी डीह का आगमन हुआ। इनके समक्ष किषोर-किषोरी षिक्षा कार्यक्रम की प्रस्तुती की गयी एवं  कार्यक्रम की रुपरेखा बतायी गई। समय के अभाव में इन्होंने पहले नरेगा पर नाटक की प््रास्तुती की पेषकष की। तदानुसार नाटक का मंचन किया गया। नाटक से अपनी बात को जोड़ते हुए अतिथियों ने महिलाओं से जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया एवं महिलाओं को नरेगा में भागीदारी के लिए विषेष रुप से प्रातसाहित किया। इस अवसर का महिलाओं ने बढ लाभ लिया कानून संबंधी जानकारी ली एवं रोजगार न मिलने की स्थिति में क्या करें इस पर विषेष रुप से चर्चा किया। रोजगार न मिलने की षिकायत को अधिकारी द्वारा नोट किया गया एवं षिकायत निवारण का आष्वासन दिया गया। इसके पष्चात सूचना के अधिकार एवं महिला हिंसा विरोध कानून के बारें में नाटक के माध्यम से बताया गया।

कार्यक्रम के अगले चरण में स्थल पर मुद्देवार लगे चारों स्टालों क्रमषः नरेगा, सूचना का अधिकार, महिला हिंसा विरोध कानून एवं षिक्षा अधिकार कानून पर महिलाओं ने बारी-बारी से भ्रमण किया। स्टालों पर लगें पोस्टर एवं पैम्पलेट के प्रति इन्होंने विषेेष रुचि दिखायी। कार्यक्रम में ष्षामिल प्रत्येक महिला को नरेगा, सूचना का अधिकार एवं महिला हिंसा विरोध कानून का पैम्प लेट दिया गया। लगभग हरेक स्टाल पर 45 मिनट का चर्चा किया गया। इसके तहत महिलाओं ने संबंधित मुद्दे पर अपने अनुभव रखें एवं अधिकार हनन की स्थिति में उपचारात्मक पहल के बारें में जानकारी ली। पूरे दिन के कार्यक्रम के दौरान महिलाए पंचायत वार समूह में ही रही। इनके बीच मुद्दों पर औपचारिक-अनौचारिक चर्चाए होती रही। इससे इनके पंचायत स्तरीय एकजुटता को बढ़ावा मिलने की पूरी सम्भावना बन पायी।

इसके बाद महिलाए पुनः बड़े समूह में एकत्र हुई। कुछ महिलाओं के द्वारा कार्यक्रम से बनी सीख एवं गांव जाकर अन्य महिलाओं को बताने की बात कही गयी। समय के अभाव में प्रष्नोतरी कार्यक्रम नहीं हो पाया। कार्यकम्र के अन्त में कुछ महिलाओं ने बड़े ही उत्साह से कुर्सी दौड़ हिस्सा लिया। इसके साथ ”जब बन ही गया बहनों का संगठन” नामक गीत का समूह गान किया गया एवं ओजपूर्ण नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

क्रम  गतिविधी

1    स्वागत एवं कार्यक्रम के बारें में बताना

2    महिलाओं के उपसमूहों में रंगीन भूसी से अपना नाम लिखना एवं रंगोली बनाना।

3    गीत – तोड़-तोड़ के बंधनों को देखो बहने आती है। मुॅुह सी के अब जी ना पाऊंगी, रे मर्द औरत दो पहिया।

4    महिलाओं के द्वारा उनके संघर्ष एवं मजबूती के अनुभवों की ष्षेयरिंग

5    मुद्देवार स्टाल का भ्रमण एवं समूह चर्चा एवं पैम्पलेट का वितरण। महिला हिंसा, रोजगार गारंटी कानून, षिक्षा का अधिकार कानून, सूचना का अधिकार।

6    महिला हिंसा, रोजगार गारंटी कानून एवं सूचना के अधिकार पर नाटक का मंचन

7    उपर्युक्त विषयों पर प््राष्नोतरी प्रतियोगिता

8    खेलकूद प्रतियोगिता- रस्साकषी एवं कुर्सीदौड़, पुरस्कार वितरण

9    पंचायतवार समूह में कार्यक्रम में बनी सीख को ग्रामस्तर पर षेयरिेग की योजना बनाना

10   गीत- जब बन ही गया बहनों का संगठन, समापन